हरियाणा के इन ज़िलों में बिगड़े लिंगानुपात पर सरकार का फोकस, अवैध गर्भपात पर सख्त एक्शन शुरू
हरियाणा सरकार लिंगानुपात में सुधार लाने को लेकर अब पहले से ज्यादा सख्त रुख अपनाने जा रही है। राज्य के चार ज़िलों—गुरुग्राम, करनाल, पलवल और चरखी दादरी—में हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। सरकार को शक है कि इन इलाकों में अभी भी अवैध गर्भपात से जुड़े गिरोह सक्रिय हैं। अब इन पर सीधे एक्शन लिया जाएगा, और हेल्थ डिपार्टमेंट को टारगेटेड निर्देश जारी किए गए हैं।

चंडीगढ़: हरियाणा में लंबे समय से लिंगानुपात को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन कुछ ज़िलों में हालात अब भी चिंताजनक हैं। खासतौर पर गुरुग्राम, करनाल, पलवल और चरखी दादरी जैसे ज़िले, जहां अभी भी बेटियों की संख्या लड़कों की तुलना में काफी कम दर्ज की गई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, गुरुग्राम में लिंगानुपात 855, चरखी दादरी में 859, पलवल में 874 और करनाल में 906 तक ही सिमटा हुआ है। यानी हर 1000 लड़कों पर इन जिलों में इतने ही लड़कियों का जन्म हो रहा है, जो कि राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है।
इन गंभीर आंकड़ों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने एक्शन मोड में आते हुए इन चारों ज़िलों पर खास ध्यान देना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग को शक है कि इन इलाकों में आज भी कुछ नेटवर्क या गिरोह अवैध गर्भपात जैसे अपराधों में लिप्त हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने हेल्थ डिपार्टमेंट को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन जिलों में अवैध रूप से गर्भपात कराने वाले BMS डॉक्टरों और झोलाछाप चिकित्सकों (unqualified doctors) की पहचान कर उन पर तुरंत कार्रवाई की जाए। इसके अलावा इन डॉक्टर्स की पूरी बैकग्राउंड चेकिंग और नेटवर्क ट्रेसिंग पर भी जोर दिया गया है।
6 महीने के गर्भपात केसों की जांच के निर्देश
सरकार ने पिछले छह महीनों के दौरान हुए सभी गर्भपात केसों की डिटेल्ड समीक्षा (review) करने को कहा है। इसके ज़रिए ये पता लगाने की कोशिश होगी कि किन मामलों में नियमों का उल्लंघन हुआ और किस तरह से अवैध गतिविधियां छिपाई जा रही हैं।
साथ ही, सरकार ने MTP किट (Medical Termination of Pregnancy kit) की अवैध बिक्री पर भी सख्त रोक लगाने के आदेश दिए हैं। इन किट्स का गलत इस्तेमाल अवैध गर्भपात के मामलों को बढ़ावा दे सकता है, इसलिए मेडिकल स्टोर्स और फार्मा सप्लायर्स पर भी निगरानी तेज़ की जा रही है।
जिला टास्क फोर्स को एक्टिव मोड में लाया गया
इन चारों ज़िलों में पहले से बनाई गई जिला टास्क फोर्स को अब और ज़्यादा एक्टिव किया जा रहा है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि इन टास्क फोर्स की नियमित मीटिंग्स हों, और हर मीटिंग में अपडेट रिपोर्ट (status update) पेश की जाए ताकि निगरानी में कोई ढील न रह जाए।
हरियाणा सरकार का मानना है कि अगर इन जिलों में अवैध गर्भपात और भ्रूण लिंग जांच जैसी गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम लगाई जाए, तो लिंगानुपात में निश्चित रूप से सुधार लाया जा सकता है। इसलिए अब केवल जागरूकता नहीं, बल्कि सीधे ग्राउंड लेवल पर एक्शन लिया जा रहा है।